बंगाल की खाड़ी में चक्रवात का खतरा और मौसम में बदलाव 25 नवंबर 2025.
20 नवंबर 2025 को स्काईमेट द्वारा दिए गए मौसम पूर्वानुमान के अनुसार, इस समय दक्षिण-पूर्वी बंगाल की खाड़ी में एक चक्रवाती परिसंचरण प्रणाली सक्रिय है, जो जल्द ही कम दबाव के क्षेत्र में बदल जाएगी। इसके अलावा, दक्षिण-पश्चिमी बंगाल की खाड़ी और लक्षद्वीप तथा मालदीव के आसपास भी कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। आने वाले दिनों में ‘सेनयार’ (Senyar) नामक दूसरा चक्रवात बनने की संभावना है, जिससे तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश के तटों पर खतरा बढ़ गया है।
इस संभावित चक्रवात के मार्ग को लेकर दो प्रमुख मॉडल अलग-अलग अनुमान दे रहे हैं। ईसीएमडब्ल्यूएफ (ECM-WF) मॉडल के अनुसार, यह प्रणाली 24 नवंबर की दोपहर तक डिप्रेशन (Depression) में बदल जाएगी और धीरे-धीरे आगे बढ़ते हुए 26 नवंबर की शाम तक तमिलनाडु के तट के करीब पहुँचेगी। इसके बाद, यह उत्तर की ओर बढ़ते हुए 28 नवंबर की शाम तक आंध्र प्रदेश के तट पर लैंडफॉल (तट से टकराना) कर सकता है।
दूसरा जीएफएस (GFS) मॉडल भी 24 नवंबर को डिप्रेशन बनने का संकेत दे रहा है। हालांकि, इस मॉडल के अनुसार चक्रवात आगे बढ़ते हुए उत्तर की ओर मुड़ेगा (re-curve) और 27 नवंबर तक ओडिशा के करीब पहुँचेगा। इसके 28 नवंबर की शाम के आसपास विशाखापत्तनम के थोड़ा उत्तर में, यानी दक्षिणी ओडिशा और उत्तरी आंध्र प्रदेश के तट पर लैंडफॉल करने की संभावना है। दोनों मॉडलों के अनुमानों में अंतर बना हुआ है, लेकिन खतरा बरकरार है।
चक्रवात की संभावना के कारण हवा की दिशा में बड़ा बदलाव आया है। उत्तरी और उत्तर-पूर्वी हवाएँ अब पूर्वी हवाओं में बदल गई हैं, जो मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, राजस्थान और गुजरात तक पहुँच रही हैं। इस वजह से इन राज्यों में पिछले कुछ दिनों से बढ़ रही ठंड अब कुछ समय के लिए थम जाएगी। अगले दो से तीन दिनों तक इन राज्यों में न्यूनतम तापमान में वृद्धि होगी और ठंड का असर कम हो जाएगा।
दूसरी ओर, दिल्ली-एनसीआर में हवा की गति धीमी होने के कारण प्रदूषक तत्व (pollutants) छितरा नहीं पा रहे हैं, जिसके परिणामस्वरूप वायु गुणवत्ता बहुत खराब बनी हुई है (AQI 300 से 500 के बीच)। वहीं, 21 नवंबर तक दक्षिणी राज्यों में बारिश बढ़ने वाली है। तटीय आंध्र प्रदेश और पूरे तमिलनाडु के तटीय क्षेत्रों (नेल्लोर, तिरुपति, चेन्नई) में हल्की बारिश होगी। लक्षद्वीप और श्रीलंका में भी बारिश की संभावना है।
यह प्रणाली अंडमान द्वीप समूह की ओर बढ़ रही है, इसलिए आज और कल (20 और 21 नवंबर) अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के दक्षिणी हिस्सों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। 22 नवंबर को कम दबाव का क्षेत्र पूरी तरह बनने के बाद बारिश और बढ़ेगी। तटीय आंध्र प्रदेश के उत्तरी भागों (श्रीकाकुलम, विजयनगरम) तक बारिश की तीव्रता बढ़ेगी।
इसके साथ ही, तेलंगाना और कर्नाटक के कई हिस्सों में भी बारिश की गतिविधियाँ बढ़ती हुई दिख रही हैं। मोनथा चक्रवात के बाद बनने वाला यह दूसरा चक्रवात ‘सेनयार’ अधिक आक्रामक होने की संभावना है, और इसका असर कई राज्यों पर पड़ेगा। दक्षिणी ओडिशा के साथ ही महाराष्ट्र तक भी कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है।